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Rajasthan SI Recruitment cancellation decision

राजस्थान एसआई भर्ती रद्द करने से राज्य सरकार का इंकार

Rajasthan SI Recruitment cancellation decision

Rajasthan SI Recruitment cancellation decision . राजस्थान में पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है ।

कुछ दिनों पहले किसी ने हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी कि पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द किया जाए ।

Rajasthan SI Recruitment cancellation decision

एसओजी ने बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ओर नकल गिरोह के लोगों को गिरफ्तार किया था । आरपीएससी सदस्य भी इस मामले में जेल में है ।

परीक्षा से करीब 3 दिन पहले ही पेपर लीक हो जाना SOG की जांच में सामने आया था । इससे सरकार पर इस परीक्षा को रद्द करने का भारी दवाब था ।

कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा था कि सरकार इस मामले में यथास्थिति बनाए रखे ।

लेकिन सरकार ने ट्रेनी थानेदारों को जिलों में पदस्थापित कर दिया ।

कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई कि अपने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की है क्योंकि ट्रेनी थानेदारों को पोस्टिंग देने से मना किया था ।

कोर्ट ने सरकार को समय दिया था और पूछा था कि सरकार का इस बारे में क्या स्टैंड है ।

आज राज्य सरकार ने जवाब पेश करते हुए बताया कि परीक्षा निरस्त नहीं की जाएगी ।

सरकार ने परीक्षा रद्द क्यों नहीं की

आज जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई ।

सरकार ने जवाब पेश करते हुए कहा कि भर्ती को रद्द करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है ।

खंडपीठ ने आगे से ट्रेनी थानेदारों की किसी प्रकार की पोस्टिंग पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई हेतु 10 फरवरी की तारीख तय की है ।

सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि अभी मामले की जांच चल रही है ।

डमी कैंडिडेट्स बैठाने वाले ओर नकल करने वाले 40 सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है ।

उन्होंने कहा फिलहाल सरकार भर्ती रद्द करने जैसा बड़ा फैसला नहीं ले सकती क्योंकि अधिकांश सही अभ्यर्थियों के साथ यह अन्याय होगा ।

याचिकाकर्ताओं के वकील हरेंद्र नील ने कहा कि सरकार गोलमाल जवाब पेश करके पूरे प्रदेश को गुमराह कर रहे है ।

जस्टिस ने पूछा भर्ती रद्द क्यों नहीं हो सकती

कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आप भर्ती परीक्षा को रद्द क्यों नहीं कर रहे ? आप निर्णय क्यों नहीं ले रहे है ?

पब्लिक से जुड़े इस मामले में इतने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है । सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को न्याय मित्र नियुक्त किया है ।

हाइकोर्ट ने फील्ड पोस्टिंग और आगे की ट्रेनिंग पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है ।

भर्ती रद्द करने का रिस्क क्यों नहीं ले रही सरकार

यदि सरकार यह भर्ती परीक्षा रद्द करती है तो यह एसओजी की विफलता मानी जाएगी ।

क्योंकि SOG ने दावा किया है कि उसने सभी तरह की गड़बड़ियों का पता लगा लिया है ।

यदि SOG ने नकल के पूरे रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया है तो फिर उन अभ्यर्थियों को बर्खास्त कर दो जिन्होंने नकल की है ।

और जो अभ्यर्थी सही तरीके से नियुक्त हुए है उनका कोई दोष नहीं है । जबकि भर्ती रद्द करने से उन सही अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा ।

थानेदारों की ट्रेनिंग पूरी हो गई है,  उनका जिला आवंटन से पदस्थापन भी हो चुका है अब भर्ती रद्द करके उनके सपनों पर कुठाराघात नहीं कर सकते ।

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