Big update on farmers movement
शंभू बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या , डल्लेवाल की हालत नाजुक
Big update on farmers movement
Big update on farmers movement. शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से आज बहुत दुखद खबर सामने आई है ।
एक किसान ने सल्फास की टैबलेट खाकर आत्महत्या कर ली है । आज सुबह लंगर स्थल के पास ही यह घटना हुई ।
जैसे ही साथी किसानों को पता चला , तुरंत मौके पर प्राथमिक उपचार दिया और उसे पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल में भर्ती करवाया ।
अस्पताल में इलाज के दौरान उस किसान की मौत हो गई ।
कौन है मृतक किसान
जानकारी के अनुसार मृतक किसान रेशम सिंह (55) तरनतारन जिले के पहुविंड का निवासी था ।
किसान नेता तेज़बीर सिंह ने बताया कि शंभू और खमनौरी बॉर्डर पर 11 महीनों के लगातार आंदोलन के बावजूद सरकार ध्यान नहीं दे रही है ।
इससे आहत होकर आज एक किसान भाई रेशम सिंह ने आत्महत्या कर ली ।
इस घटना से पहले भी 14 दिसंबर को किसान रणजोध सिंह ने सल्फास खाकर आत्महत्या की कोशिश की थी ।
और करीब चार दिन बाद इसी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी ।
खमनौरी बॉर्डर पर एक किसान झुलसा
खमनौरी बॉर्डर पर सुबह पानी गर्म करने के दौरान गीजर फटने से एक किसान बुरी तरह झुलस गया ।
उसे पटियाला के समाना स्थित सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया , जहां उसका इलाज चल रहा है।
किसान का नाम गुरदयाल सिंह बताया जा रहा है । उसके हाथ और पैर बुरी तरह झुलस गए हैं ।
डल्लेवाल की हालत बेहद नाजुक
बुधवार को किसान नेता और 45 दिनों से लगातार अनशन कर रहे डल्लेवाल की हालत अपडेट जारी करते हुए डॉक्टर्स ने बताया कि _
उनके पैरों को अगर शरीर के बाकी हिस्सों के बराबर करते है तो उनका बल्ड प्रेशर काफी कम हो जाता है ।
बल्ड प्रेशर स्थिर करने के लिए उनके पैरों को ऊंचा रखने की सलाह दी गई है । उनको बोलने में काफी दिक्कत हो रही है ।
कल पूरे दिन वो अपने टैंट से बाहर नहीं आए और किसी से भी मुलाकात करने से इनकार कर दिया ।
पटियाला के SSP नानक सिंह और डॉक्टरों की एक टीम उनसे मिलने गई थी ।
यूपी की समाजवादी पार्टी ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है । सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने कल जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की ।
सरकार लगातार कर रही आंदोलन की अनदेखी
केंद्र सरकार की ओर से इस आंदोलन को खत्म कराए जाने हेतु कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है ।
45 दिन से अनशन कर रहे किसान नेता की हालत इतनी नाजुक होने ओर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को आदेश देने के बावजूद सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही ।
किसानों ने कहा कि सरकार जानबूझ कर ऐसा कर रही है । कृषि मंत्री को आकर हमसे बात करनी चाहिए किसानों को एमएसपी पर गारंटी वाला कानून चाहिए ।
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